"मिट्टी की नहीं, ये आस्था की मूर्ति है—राम लला का हर रूप एक माँ की गोद जैसा सुकून, और एक पिता की छाया जैसा संबल देता है। उन्हें अपने घर आमंत्रित कीजिए, और जीवन को श्रद्धा से महका दीजिए।"
"जिस धरती ने प्रभु श्रीराम का बालरूप देखा, उस पवित्र आस्था को अब अपने घर में उतारिए — राम लला की मूर्ति के साथ, श्रद्धा अब केवल भावना नहीं, आपके घर की आत्मा बन जाएगी।"